UP Board की प्रयोगात्मक परीक्षाएं आज से, 19481 परीक्षक लगे, एप के माध्यम से अपलोड होंगे अंक

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (UP Board) की प्रयोगात्मक परीक्षाएं आज से शुरू हो गई हैं। इस साल भौतिकी और रसायन विज्ञान में 16-16 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। यूपी बोर्ड ने इस बार परीक्षाओं को और अधिक पारदर्शी और नियमित बनाने के लिए कई नए कदम उठाए हैं। इनमें से एक महत्वपूर्ण कदम है परीक्षाओं के अंकों को एप के माध्यम से अपलोड करना। इसके अलावा, परीक्षा केंद्रों पर निगरानी बढ़ाने के लिए 19,481 परीक्षक तैनात किए गए हैं।

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परीक्षाओं की तैयारी और नए नियमUP Board

यूपी बोर्ड ने इस साल प्रयोगात्मक परीक्षाओं को लेकर कड़े नियम बनाए हैं। परीक्षा केंद्रों पर नकल रोकने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। साथ ही, परीक्षकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार के दबाव में न आएं। अगर किसी परीक्षक पर दबाव बनाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना और कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

परीक्षाओं के अंकों को अपलोड करने के लिए एक विशेष एप तैयार किया गया है। इस एप के माध्यम से परीक्षकों को परीक्षा के अंक सीधे बोर्ड के सर्वर पर अपलोड करने होंगे। इससे अंकों में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी की संभावना कम हो गई है। साथ ही, इस प्रक्रिया से अंकों की गोपनीयता भी बनी रहेगी।

पांच फीसदी विद्यालयों का होगा ऑडिट

यूपी बोर्ड ने इस साल एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। बोर्ड ने निर्णय लिया है कि प्रयोगात्मक परीक्षाओं के बाद पांच फीसदी विद्यालयों का ऑडिट किया जाएगा। इस ऑडिट का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षाएं नियमित रूप से और पारदर्शी तरीके से आयोजित की गई हैं। ऑडिट टीम विद्यालयों में जाकर परीक्षाओं से संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच करेगी। अगर किसी विद्यालय में अनियमितता पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इसके अलावा, बोर्ड ने यह भी निर्णय लिया है कि अगर किसी विद्यालय में संसाधनों की कमी पाई जाती है, तो उसकी मान्यता निरस्त कर दी जाएगी। यह कदम विद्यालयों को बेहतर संसाधन उपलब्ध कराने के लिए प्रेरित करेगा। बोर्ड का मानना है कि संसाधनों की कमी से छात्रों की शिक्षा प्रभावित होती है, और इसलिए ऐसे विद्यालयों को चिह्नित करना जरूरी है।

परीक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारियां

इस साल यूपी बोर्ड ने परीक्षकों की भूमिका और जिम्मेदारियों को लेकर भी कड़े नियम बनाए हैं। परीक्षकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार के दबाव में न आएं। अगर किसी परीक्षक पर दबाव बनाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत जुर्माना और कारावास तक की सजा का प्रावधान है।

परीक्षकों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि वे परीक्षाओं के अंकों को सही और निष्पक्ष तरीके से दर्ज करें। अगर किसी परीक्षक के खिलाफ अंकों में गड़बड़ी करने का आरोप साबित होता है, तो उसके खिलाफ भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।

छात्रों की तैयारी और उम्मीदें

इस साल यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाओं में शामिल होने वाले छात्र-छात्राओं की संख्या काफी अधिक है। भौतिकी और रसायन विज्ञान में 16-16 लाख से अधिक छात्र-छात्राएं शामिल हो रहे हैं। छात्रों ने परीक्षाओं की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत की है, और उन्हें उम्मीद है कि वे अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।

कई छात्रों ने बताया कि उन्होंने प्रयोगात्मक परीक्षाओं की तैयारी के लिए विशेष रूप से समय दिया है। उन्होंने कहा कि प्रयोगात्मक परीक्षाएं उनके लिए महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि इनके अंक उनके कुल अंकों में जुड़ते हैं।

निष्कर्ष

यूपी बोर्ड की प्रयोगात्मक परीक्षाएं इस साल और अधिक पारदर्शी और नियमित तरीके से आयोजित की जा रही हैं। बोर्ड ने परीक्षाओं को लेकर कड़े नियम बनाए हैं, और इन नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विशेष टीमें गठित की गई हैं। परीक्षकों को यह निर्देश दिए गए हैं कि वे परीक्षाओं के दौरान किसी भी प्रकार के दबाव में न आएं, और अंकों को सही और निष्पक्ष तरीके से दर्ज करें।

Disclaimer

यह लेख सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के आधार पर तैयार किया गया है। , कृपया आधिकारिक स्रोतों से जानकारी की पुष्टि कर लें। योजनाओं और नीतियों में समय-समय पर बदलाव हो सकता है, इसलिए नवीनतम जानकारी के लिए सरकारी वेबसाइटों या अधिकृत कार्यालयों से सम्पर्क करे।

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