उत्तर प्रदेश में Up Board की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होने वाली हैं। इन परीक्षाओं को सुचारू और नकल रहित बनाने के लिए शासन ने कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों में पेपर की सुरक्षा और उनके रखरखाव को लेकर विस्तृत प्रक्रिया तय की गई है। इसके तहत स्ट्रांग रूम को खोलने और बंद करने से लेकर पेपर की निगरानी तक की प्रक्रिया को सख्ती से लागू किया जाएगा।

स्ट्रांग रूम खोलने की प्रक्रिया
माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बताया कि स्ट्रांग रूम, जहां परीक्षा के पेपर रखे जाते हैं, को परीक्षा शुरू होने से एक घंटे पहले ही खोला जाएगा। इसके बाद पेपर वितरण की प्रक्रिया शुरू होगी। परीक्षा समाप्त होने के एक घंटे बाद स्ट्रांग रूम को फिर से सील कर दिया जाएगा। यह प्रक्रिया हर दिन की परीक्षा के दौरान अपनाई जाएगी।
स्ट्रांग रूम में पेपर की सुरक्षा के लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं। इस कमरे में वॉयस रिकॉर्डर और नाइट विजन युक्त सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। यह कमरा पूरी तरह से सुरक्षित होगा और इसमें पेपर रखने के अलावा कोई अन्य गतिविधि नहीं होगी। स्ट्रांग रूम की चाभी स्टैटिक मजिस्ट्रेट की निगरानी में रखी जाएगी।
डबल लॉक अलमारी की सुरक्षा
स्ट्रांग रूम में पेपर डबल लॉक अलमारी में रखे जाएंगे। इस अलमारी को खोलने और सील करने की प्रक्रिया केंद्र व्यवस्थापक, वाह्य केंद्र व्यवस्थापक और स्टैटिक मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में ही की जाएगी। इस पूरी प्रक्रिया का विवरण लॉग बुक या रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। इस रजिस्टर की फोटो डीआईओएस (जिला विद्यालय निरीक्षक) के वाट्सएप पर भेजी जाएगी ताकि निगरानी में कोई ढील न हो।
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पेपर पहुंचने से पहले की तैयारी
परीक्षा केंद्र पर पेपर पहुंचने से तीन दिन पहले ही स्ट्रांग रूम तैयार कर लिया जाएगा। इस कमरे में 24 घंटे सीसीटीवी कैमरों की निगरानी रहेगी। पेपर पहुंचने के बाद से ही इस कमरे की सुरक्षा और निगरानी को लेकर सख्ती बरती जाएगी। अपर मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों, पुलिस आयुक्तों, पुलिस अधीक्षकों और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि स्ट्रांग रूम में किसी भी अधिकारी या कर्मचारी को मोबाइल फोन के साथ प्रवेश करने की अनुमति नहीं होगी।
पेपर लीक रोकने के उपाय
पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए शासन ने कड़े कदम उठाए हैं। पेपर जिलों में पहुंचने के बाद से ही उनकी 24 घंटे निगरानी की जाएगी। इसके लिए जिलाधिकारी (डीएम) एक टीम गठित करेंगे, जो पेपर की सुरक्षा और निगरानी का काम करेगी। यह टीम सुनिश्चित करेगी कि पेपर किसी भी तरह की अनधिकृत पहुंच से सुरक्षित रहें।
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अधिकारियों की जिम्मेदारी
अपर मुख्य सचिव ने सभी संबंधित अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए हैं कि परीक्षा से पहले पेपर बाहर आने की स्थिति में संबंधित स्टैटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और वाह्य केंद्र व्यवस्थापक जिम्मेदार होंगे। इसलिए, इन अधिकारियों को पेपर की सुरक्षा और निगरानी को लेकर विशेष सतर्कता बरतनी होगी।
निष्कर्ष
यूपी बोर्ड की परीक्षाओं को नकल रहित और पारदर्शी बनाने के लिए शासन ने स्ट्रांग रूम की सुरक्षा और पेपर की निगरानी को लेकर कड़े नियम बनाए हैं। स्ट्रांग रूम को खोलने और बंद करने की प्रक्रिया से लेकर पेपर की सुरक्षा तक हर कदम पर सतर्कता बरती जाएगी। इसके साथ ही, पेपर लीक जैसी घटनाओं को रोकने के लिए 24 घंटे निगरानी की व्यवस्था की गई है। इन सभी उपायों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि परीक्षा निष्पक्ष और बिना किसी गड़बड़ी के संपन्न हो सके।
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